वैसे तो बीमारी चाहे कोई भी हो वह दुख ही देती है और हर किसी को अपना दर्द सबसे बड़ा लगता है। आज हम आपको एक ऐसे बच्चे की कहानी और उसकी बीमारी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे देखकर शायद आपकी भी आंखे नम हो जाएंगे। दरअसल यहां हम बात कर रहे हैं 8 साल के कलीम के बारे में। जिसके चेहरे की हंसी और मासूमियत उसकी तकलीफ को शायद छिपा देती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वह एक ऐसी बीमारी असाधारण बीमारी से ग्रसित है जिसे शायद आपने कभी सुना भी नहीं होगी।
इस बीमारी के कारण ही उनके हाथ इतने भारी हो गए है कि इनके कारण वह बाकी बच्चों से बिल्कुल हो गया है। इस बच्चे के हाथ 13 इंच बड़े और लगभग 8 किलो भारी हैं। अपनी इस बीमारी की वजह से वह न तो खुद ठीक से कुछ खा सकता और न ही बाकी बच्चों की तरह ही स्कूल जा सकता है। कलीम का कहना है कि, उसे स्कूल से यह कहकर निकाल दिया है कि अन्य बच्चों को उसके हाथों को देखकर डर लगता है।
दिल्ली के निकट ही एक गांव के रहने वाले कलीम की मां हालीमा का कहना है कि, जब वह पैदा हुआ था, तब साधारण बच्चों से बिल्कुल अलग था। उसके दोनों हाथ दोगुने आकार के थे। वहीं दूसरी ओर उनके पिता शमीम का कहना है कि, पैसों की तंगी के कारण वह अपने बेटे का इलाज नहीं करवा पा रहे हैं।
लेकिन जब कलीम का परिवार डॉक्टर्स से मिला तो उन्होंने कलीम को देखकर बताया कि, इस तरह का केस उन्होंने इससे पहले कभी नहीं देखा। उनका कहना है कि यह एक्रोमेगाली से मिलती-जुलती ही बीमारी है।
क्या है एक्रोमेगाली
यह एक प्रकार का हार्मोनल डिसऑर्डर होता है। इसमें ग्रोथ हार्मोन का ओवर पोडक्शन होने लगता है। इसके ज्यादातर मामले मस्तिष्क में पिट्यूटरी ग्रंथि के एक गैर कैंसरग्रस्त ट्यूमर की वजह से होते हैं। यह ट्यूमर अतिरिक्त हार्मोन का उत्पादन करता है। जैसे -जैसे यह बढ़ता जाता है मस्तिष्क के ऊतकों को चारों से दबाता है। इसमें से अधिकांश ट्यूमर आनुवांशिक रूप से विरासत में नहीं मिलते।