जब आपके बच्चों के दांत टूटते हैं तो आप उसका क्या करती हैं? शायद हर माता-पिता की तरह आप भी इसे फेंक देती हैं, क्योंकि आपको लगता है कि टूटने के बाद अब यह किस का काम रह गया है। दूसरे नए और अच्छे दांत आ जाएंगे। लेकिन हाल ही में एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे जानने के बाद आप आज के बाद कभी भी अपने बच्चों के दूध के दांतों को नहीं फेंकेंगे, बल्कि इन्हें बहुत अच्छी तरह से संभालकर रखेंगे। दरअसल हाल ही में आई रिपोर्ट के मुताबिक कहा जा रहा है कि बचपन में गिरने वाले दूध के दांत सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
अमेरिका के एक नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी के अपने एक शोध में यह दावा किया है कि, बचपन में जो दांत गिरते हैं उनमें स्टेम सेल मौजूद होता है। इससे कैंसर और हृदय से संबंधी बीमारियों का इलाज किया जाता है। शोधकर्ताओं की माने तो, बच्चों के जो दूध के दांत होते हैं वह ज्यादा समय तक पर्यावरण के संपर्क में नहीं रहते और इसी वजह से यह ज्यादा खराब भी नहीं हो पाते हैं।
वहीं दूसरी ओर बड़े लोगों के दांत काफी खराब रहते हैं। शोध में कहा गया है कि, बच्चों के दांतों में मौजूद स्टेम सेल की मदद से शरीर में एक बार फिर आसानी से नई कोशिकाओं को उगाया जा सकता है। इन स्टेम सेल को इतना कारगार माना गया है कि इलाज के दौरान शरीर के दूसरे हिस्सों से बोनमैरो निकालने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
हालांकि यह शोध अभी अपने शुरुआती चरण पर ही पहुंचा है। लेकिन कहा जा रहा है कि भविष्य में इसके जरिए कैंसर का इलाज किया जा सकता है, साथ ही नई कोशिकाओं को उगाकर हार्ट अटैक को भी रोका जा सकता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि, स्टेम सेल हड्डियां, गुर्दे और आंखों के टिशू को फिर से बनाने में सक्षम है। इन स्टेम सेल को 10 साल के बच्चों के दांतों से भी प्राप्त किया जा सकता है।
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